आज के आधुनिक युग में हम अपने व्यावसायिक और निजी जीवन में इतने व्यस्त हो गए है की हम खुद का ध्यान रखना भूल से जाते है | और मामूली से दिखने वाली खुद की देखभाल जैसी छोटी आदतों को नज़रअंदाज़ कर भविष्य में कई नयी मुश्किलों को अनजाने में आमंत्रण दे बैठते है |
‘अल्बर्ट आइंस्टीन’ के “अनुसार बड़ी चीजों की छोटी शुरुआत होती है|”
जीवन में बड़ी चीज़ो या बड़े मुकामों को हासिल करने के लिए हमें छोटी- छोटी आदतें अपनानी ही पड़ती हैं | तो आइए ऐसी 5 आदतों के बारे में जानते है जिससे आपको भविष्य में मुकाम हासिल होगा |
- सुबह जल्दी उठें :- हम सभी ने घर के बड़े- बूढ़ो से सुना ही होगा की हमें सुबह जल्दी उठना चाहिए, सूर्योदय देखना चाहिए आदि सब कुछ जानते हुए भी हम आलस के कारण सुबह जल्दी उठ नहीं पाते हैं | इसका कारण यह है की हम सुबह उठने का प्लान तो कर लेते है लेकिन रात को इस वक़्त तक सोना है यह तय नहीं करते और इसी एक वजह से सुबह जल्दी उठ पाना इतना कठिन लगता है | परन्तु अब से आप रात को सोने का वक़्त और सुबह उठने का वक़्त दोनों को ध्यान में रख कर चले तो सुबह जल्दी उठ पाना एक सरल प्रकिया बन जाएगी |
“ प्रातः काल भगवान का उपहार हैं.”
- ध्यान लगाएं :- ध्यान लगाने से शरीर व दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है | इतना ही नहीं बल्कि ध्यान लगाकर आप अपने पूर्ण व्यक्तित्व में भी एक सकारात्मक परिवर्तन ला सकते है | अनेकों लोग जिन्होंने ध्यान लगाना आरम्भ किया था आज ध्यान को अपनी जीवन शैली का एक अभिन्न अंग मानते है तथा वह ध्यान लगाने के बाद अपने गुस्से को नियंत्रण करना भी सीख चुके है | ध्यान को दिनचर्या में शामिल करना एक लाभकारी फैसला है |
“ध्यान का उद्देश्य व्यक्तिगत परिवर्तन है।”
- एक किताब पढ़ें :- आज के इस दौर में इंटरनेट पर सभी जानकारियां उपलब्ध है | कहने को पुस्तकों का दौर पीछे छूट चूका है लेकिन अब भी कई अनुभव, जानकारियां, तथ्यं आज भी ऐसे है जो हमें सिर्फ पुस्तकों में संग्रहित मिलते है | पुस्तकें पढ़ने से एकाग्रता, रीडिंग स्किल्स, व्याकरण व नए विचारों का आना आदि जैसे लाभ होते है | इन्हीं लाभों को पाने व जानकारियों को पढ़ने , समझने व जानने के लिए पुस्तकों का रोज़ अध्ययन आवश्यक है | और आज हर व्यवसाय से जुड़ी पुस्तकें मार्केट या ऑनलाइन उपलब्ध हैं |
“एक अच्छी किताब का कोई अंत नहीं होता।”
– आर.डी. क्युमिंग
- रचनात्मक बनें :- रचनात्मकता से जीवन की गुणवत्ता बनी रहती है | रचनात्मक बने रहने के लिए कई कलाएं आज के समय में उपलब्ध है जैसे पेंटिंग, राइटिंग, संगीत,रंगमंच, नृत्य आदि | आपको बस अपनी रूचि के अनुसार अपना रचनात्मक कार्य ढूँढना व उसको हफ्ते में एक घंटे का समय अवश्य देना है | इससे मानसिक क्षमता का विकास तो होगा ही बल्कि इसके साथ आप डोपामाइन हॉर्मोन भी रिलीज़ करेंगे जिससे रचनात्मक बनें रहते हुए आपको ख़ुशी भी भरपूर मिलेगी |
तर्क आपको A से Z तक ले जायेगा। लेकिन कल्पना आपको कहीं भी ले जायेगी।
– अल्बर्ट आइंस्टीन
- कुछ समय अकेले बिताएं :- आज विश्व आधुनिकता की तरफ बढ़ता जा रहा है मनुष्य जीवन में अपने आस पास मौजूद हर इंसान को अहमियत देता है बस अंततः वो अपने आप को अहमियत देना भूल जाता है और ऐसे में वो चिंतन के स्थान पर चिंता करना प्रारम्भ कर देता है जिससे उसका विकास कहीं रुक-सा जाता है| खुद की देखभाल के लिए समय निकालना भी उतना ही आवश्यक है जितना आवश्यक है दूसरों के लिए या काम के लिए समय निकालना | दिन के अंत में दस मिनट खुद के साथ वक़्त बिताना बहुत आवश्यक है | जिंदगी की गति आज इतनी तेज़ है की लोगों को पता ही नहीं चलता की दौड़ में दौड़ते हुए वह खुद को कहीं भूल से गए हैं |
“आपका मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आपका शारीरिक स्वास्थ्य |”
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