एजुकेशन

‘स्कूल चलो अभियान’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शुरू किया, 100% छात्र नामांकन का लक्ष्य

“स्कूल चलो अभियान” को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मंजूरी मिल चुकी है और 100% छात्र नामांकन का लक्ष्य लिया गया है | यह अभियान 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा | और इस अभियान के दौरान स्कूल में सभी बच्चों के दाखिले पर जोर दिया जाएगा ताकि कोई भी विद्यार्थी शिक्षा से वंचित न रह सके | 

कोरोना महामारी के चलते देश में प्रत्येक क्षेत्र को काफी नुकसान हुआ है परन्तु सबसे ज़्यादा प्रभाव जिस क्षेत्र को हुआ है वह है शिक्षण क्षेत्र | विद्यालय बंद चुके थे और ऑनलाइन कक्षाएं शुरू जिसकी वजह से बच्चे इस नए सिस्टम को अपना न सके और दो वर्ष पीछे हो गए | 

अब समस्या यह है की घर पर ऑनलाइन कक्षा लेते हुए बच्चों को घर से ही पढ़ने की आदत हो गयी है | अब बच्चों को विद्यालय तक लाना एक चुनौती बन चुकी है | इसी को ठीक करने और बच्चो को फिर से विद्यालय में रूचि दिलवाने और उनकी शिक्षा को फिर से गति प्रदान करने के लिए यह अभियान शुरू किया गया | 

इस अभियान में सर्वप्रथम प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है | शिक्षकों को भी यही निर्देश दिए जा रहे है की वो घर-घर जाकर अभिभावकों से मिले और बच्चों को विद्यालय भेजे | 

शिक्षण संस्थानों को और बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री जी ने स्कूल में बुनियादें सुविधाएं उपलब्ध कराई यह भी निर्देश दिया कि सभी सरकारी स्कूलों को छात्रों के लिए शौचालय, पीने का पानी, फर्नीचर और स्मार्ट क्लास जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए।

और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए क्षावस्ती जिले को चुना क्यों की यह जिला उत्तर प्रदेश का सबसे कम साक्षरता वाला जिला है, इसके बाद बहराइच, बलरामपुर, बदायूं और रामपुर का नंबर आता है| इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्ही जिलों को चुना ताकि वो इस जिले के बच्चो को विद्यालय तक पंहुचा के “स्कूल चलो अभियान” का प्रचार पूरे उत्तर प्रदेश में कर सकें | 

मुख्यमंत्री ने  विधायकों और अधिकारियों को स्कूल चलो अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “स्कूल चलो अभियान” को  योजनानुसार चलाने के लिए  विधायकों और अधिकारियों को एक-एक स्कूल गोद लेना होगा और एक-एक स्कूल के समग्र विकास पर ध्यान देना होगा। ताकि इस अभियान से न केवल जनप्रतिनिधि जुड़ेंगे बल्कि सरकार और समाज के सभी वर्ग इस अभियान को आगे बढ़ाने में मदद कर सके | जिससे उत्तर प्रदेश राज्य और देश में शिक्षा और शिक्षण संस्थानों की स्थति बेहतर हो सके | 

और पढ़े :- शिक्षा व्यवस्था में आई चुनौतियां और ताकत कोविड के बाद

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