भारत में उच्च शिक्षा में दाखिला लेने वाले छात्र तेजी से बढ़ रहे हैं और इसके साथ ही नियमित धाराओं में सीटों की संख्या की मांग भी बढ़ रही है। इन मुद्दों को पूरा करने के लिए, यूजीसी ने औपचारिक और गैर-औपचारिक शिक्षा मोड दोनों को शामिल करते हुए सीखने के लिए कई मार्गों को सुविधाजनक बनाने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मंगलवार को घोषणा की कि छात्र अब दो पूर्णकालिक शैक्षणिक कार्यक्रमों को फिजिकल मोड में कर सकेंगे। आयोग ने उसी के संबंध में दिशा निर्देशों का एक सेट तैयार किया है, जो यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट यानी ugc.ac.in पर उपलब्ध है।
इससे पहले, यूजीसी के नियमों ने छात्रों को दो पूर्णकालिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं दी थी और वे ऑनलाइन/ अल्पकालिक/ डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के साथ केवल एक पूर्णकालिक डिग्री हासिल कर सकते थे।और इसलिए यूजीसी ने एक साथ दो डिग्री हासिल करने के इच्छुक छात्रों के लिए निम्नलिखित दिशानिर्देश जारी किए हैं।
- एक छात्र भौतिक रूप की दो पूर्णकालिक शैक्षणिक कार्यक्रमों को केवल तब आगे बढ़ा सकता है जब एक कार्यक्रम के लिए कक्षा का समय दूसरे कार्यक्रम की कक्षा के समय से अलग हो ।
- एक छात्र दो अकादमिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ा सकता है, एक पूर्णकालिक शारीरिक मोड में और दूसरा मुक्त और दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल)/ऑनलाइन मोड में; या एक साथ दो ओडीएल/ऑनलाइन कार्यक्रम तक।
- ऑनलाइन मोड के तहत डिग्री या डिप्लोमा कार्यक्रमों को केवल ऐसे एचईआई के साथ आगे बढ़ाया जाएगा जो यूजीसी/संवैधानिक परिषद/सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हो।
- इन दिशानिर्देशों के तहत डिग्री या डिप्लोमा कार्यक्रम यूजीसी द्वारा अधिसूचित नियमों और संबंधित वैधानिक/पेशेवर परिषदों, जहां भी लागू हो, द्वारा शासित होंगे।
- ये दिशा निर्देश यूजीसी द्वारा उनकी अधिसूचना की तारीख से प्रभावी होंगे। उन छात्रों द्वारा कोई पूर्वव्यापी लाभ का दावा नहीं किया जा सकता है, जिन्होंने इन दिशानिर्देशों की अधिसूचना से पहले एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रम किए हैं।
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