दुनिया का प्रत्येक देश कोरोना वायरस की महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और कई देशों की अर्थव्यवस्था में गिरावट भी देखी गयी है | इन्हीं में से देश श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई हैं | स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही देश के वित्तीय संकट के बाद से श्रीलंका एक अप्रत्याशित पैमाने के आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है| और श्रीलंका अपने इकोनॉमी के एक महत्वपूर्ण हिस्सा टूरिज्म पर आधारित था लेकिन महामारी में श्रीलंका टूरिज्म को भारी नुकसान झेलना पड़ा | देशों में लॉकडाउन के कारण लोगों का दूसरे देशों में जाना बंद हो गया व अलग अलग जगह भम्रण करना बंद हो गया और श्रीलंका की अर्थव्यवस्था का एक ज़रूरी हिस्सा बंद हो गया | जिसकी वजह से श्रीलंका अपना लोन नहीं चूका पा रहा था | इसी पर मुखर्जी ने कहा, “वित्त पर महामारी से प्रेरित तनाव महत्वपूर्ण रहा है, सरकारी राजस्व अत्यधिक दबाव में आ रहा है क्योंकि महत्वपूर्ण राजस्व पैदा करने वाला पर्यटन क्षेत्र 2020 की शुरुआत से प्रभावी रूप से रुका हुआ है।” “प्रवासी श्रमिक प्रेषण को भी एक बड़ा झटका लगा है।”
और हाल ही में श्रीलंका की विदेशी मुद्रा में 8 प्रतिशत की गिरावट आई है और इसी कारण श्रीलंकाई लोगों को विदेशी मुद्रा खरीदने के लिए जितना पैसा खर्च करना पड़ता था अब उससे ज़्यादा चुकाना पड़ता है |
श्रीलंका में अपनी बुनियादी खाद्य आपूर्ति को पूरा करने के लिए आयत पर बहुत अधिक निर्भर है और ऐसे में रुपए की कीमत में गिरावट उनके लिए काफी असंतोषजनक है | खाद्य की वस्तुओं के लिए भी आम जनता को काफी संघर्ष करना पड़ रहा हैं | 400 ग्राम पैक के लिए मिल्क पाउडर की कीमतों में 250 रुपये ($ 0.90) की वृद्धि हुई, जिससे रेस्तरां मालिकों को एक कप दूध की चाय की कीमत 100 रुपये तक बढ़ानी पड़ी।
श्रीलंका में इसके आलावा पेपर की भी कमी देखने को मिली है जिसकी वजह से छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले एक कदम में, राष्ट्र ने सभी परीक्षाओं को अनिश्चित काल के लिए रद्द कर दिया है। इसी के साथ पेट्रोल की कीमतों में भी बढ़ोतरी आयी है | पेट्रोल को प्राप्त करने के लिए श्रीलंका में लम्बी लाइन्स लगानी पड़ रही है और इसके चलते दो लोगो की मृत्यु भी लाइन में दो घंटे खड़े होने की वजह से हो गयी |
श्रीलंका में इन्ही कारणों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था गिर गई हैं| श्रीलंकाई सरकार को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में द्विपक्षीय भागीदारों से परिकल्पित अंतर्वाह के साथ-साथ गैर-ऋण पैदा करने वाली विदेशी मुद्रा प्रवाह के भौतिक करण के साथ विदेशी मुद्रा की स्थिति में जल्द ही सुधार होगा। उम्मीद है कि पर्यटन क्षेत्र और प्रेषण से विदेशी मुद्रा आय में जल्द ही सुधार होगा। सरकार और सीबीएसएल (श्रीलंका का केंद्रीय बैंक) की आशावादिता के अनुसार, निकट भविष्य में श्रीलंका के लोगों को आर्थिक राहत महसूस होने की संभावना है।
और पढ़े :- मानसिक स्वास्थ्य बनाएं रखने के उपाय