मानसिक स्वास्थ्य के बारे में हम सब ने कभी न कभी ज़रूर सुना होगा परन्तु इसके ऊपर ज़्यादा ध्यान केंद्रित नहीं किया | मानसिक स्वास्थ्य का संबंध सीधे हमारी दिनचर्या से हैं | अगर हमारी दिनचर्या संतुलित व संतोषजनक है तो हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी संतुलित होगा तथा इसी प्रकार अगर हमारा स्वास्थ्य संतुलित रहेगा तभी हमारी दिनचर्या के काम उचित प्रकार से कार्यरत रह सकेंगे | अगर संतुलन बिगड़ा तो हमारा स्वास्थ्य व दिनचर्या पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा | वर्तमान काल में भी कई लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देते है परन्तु यह भूल जाते है की मस्तिष्क का स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शरीर के अन्य भागों का |
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) स्वास्थ्य को इस प्रकार परिभाषित करता है:केवल रोग या दुर्बलता की अनुपस्थिति को स्वास्थ्य नहीं कहा जाएगा बल्कि पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति को ही पूर्ण स्वास्थ्य कहा जाएगा |
मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसी स्थिति हैं जिसमें व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का एहसास होता है | मानसिक रूप से स्वास्थ्य व्यक्ति दूसरों से भी सकारात्मक तरीके से बातचीत कर सकते हैं | साथ ही तनाव से निपटने की क्षमता भी रखते हैं |
आज दुनिया हर 7 में 1 व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य विकार से पीड़ित हैं | चिंता (Anxiety), अवसाद(Depression), बाइपोलर डिसऑर्डर(Bipolar Disorder), ईटिंग डिसऑर्डर(Eating Disorder), पर्सनालिटी डिसऑर्डर(Personality Disorder) आदि यह सब दिक्कतें आज के समय में बहुत आम सी लगती है क्योंकी लोग मानसिक स्वास्थ्य को यह कहकर ठीक कर लेते है की कल तक सब ठीक हो जाएगा | परन्तु आज कुछ व्यक्ति अपने पूर्ण स्वास्थ्य पर ध्यान दे रहें हैं और अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की इच्छा रखते है | यहाँ कुछ तरीके दिए गए है जिससे आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं |
व्यायाम (Exercise)
मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने व इसे बेहतर बनाने के खातिर आप अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल कर सकते हैं | व्यायाम करने के दौरान होने वाली शारीरिक गतिविधि से तनाव और अवसाद होते है तथा इससे आपका मन व मूड दोनों में सकारात्मक परिवर्तन आता है जिससे आपको जीवन में रूचि और सकारात्मक ऊर्जा का आप में प्रवेश होता है | इसलिए आपको तनाव मुक्त रहने के लिए व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करना ही चाहिए |
मेडिटेशन(Meditation)
मेडिटेशन से शरीर व मन दोनों का अभ्यास होता है, ध्यान को केंद्रित करने के लिए मेडिटेशन की जाती है | मेडिटेशन के कई तरीके व प्रकार होते है जैसे:-
माइंडफुलनेस मेडिटेशन (Mindfulness Meditation ), स्पिरिचुअल मेडिटेशन( Spiritual Meditation), फोकस्ड मेडिटेशन (Focused Meditation), मूवमेंट मेडिटेशन(Movement Meditation), मंत्र मेडिटेशन (Mantra मेडिटेशन) आदि जिसे हम अपनी सुविधानुसार अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं | इसके माध्यम से आपका मन शांत होगा और मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होगा |
लिखना (Writing)
मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है अपने मस्तिष्क को नकारात्मक व अवांछित विचारों को खुद से अलग करना तो इसके लिए हमें अपने विचार लिखने की आदत को अपनाना होगा | जिससे अवांछित विचारों मन व मस्तिष्क से
बाहर निकालने में आसानी होगी और स्वास्थ्य जल्दी बेहतर होगा |
हर्बल टी (Herbal Tea)
कई शोधों से यह पता चला है कि मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बरक़रार रखने व इसको बेहतर बनाए रखने के लिए हर्बल टी लाभकारी सिद्ध होगी | हर्बल टी इम्यूनिटी बढ़ाने, दर्द से निजात पाने, रोगों से छुटकारा दिलाने में भी कारीगर है | इसके साथ-साथ हर्बल टी वजन नियंत्रण करने के लिए भी प्रयोग में आती है | इतने गुणों वाली टी को दिनचर्या में शामिल करना चाहिए जिससे न केवल स्वास्थ्य बना रहेगा बल्कि अन्य फायदे भी होंगे |
दोस्तों व परिवार के साथ समय बिताना (Spend Time with Family and Friends)
मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने में दोस्तों और परिवार के सदस्यों की अहम भूमिका होती है | अपनों का साथ और उनका समर्थन रिश्ता तो मजबूत करता है बल्कि इससे हम अपने मन की बात या जो तकलीफ परेशानी है अपने प्रियजनों से साझा कर अपना मन हल्का कर सकते है | परेशानी का समाधान भी प्राप्त होगा | और हमें अकेला भी महसूस नहीं होगा और मानसिक तनाव नहीं रहेगा | जिससे मानसिक स्वास्थ्य स्वयं बेहतर होगा |